कर यकीं तेरा दामन मैं बचा लूंगा
तेरी करतुतों को दिल में दबा लूंगा
दोस्त हो फिर गैरों सा बर्ताव क्युं
वार तुमसे तो सीने पे भी खा लूंगा
आस थी तुमसे सगे भाई से अधिक
इस चाह को अब सीने में छुपा लूंगा
कौन दोषी है ज़रा यार पता करना
मैं तो नहीं, अंतर्मन से बतिया लूंगा
चलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
आओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा