कर यकीं तेरा दामन मैं बचा लूंगा
तेरी करतुतों को दिल में दबा लूंगा
दोस्त हो फिर गैरों सा बर्ताव क्युं
वार तुमसे तो सीने पे भी खा लूंगा
आस थी तुमसे सगे भाई से अधिक
इस चाह को अब सीने में छुपा लूंगा
कौन दोषी है ज़रा यार पता करना
मैं तो नहीं, अंतर्मन से बतिया लूंगा
चलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
आओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा
यही दुनिया है
ReplyDeleteयही दुनिया की रीत है
हंस कर बोलते हैं सभी सामने
पीठ पीछे लगते हैं गला दबाने
राम जाने ये कैसी प्रीत है...
यही दुनिया है..
यही दुनिया की रीत है...
waah.. Bahut marmsparshi bhavnayein sanjoyi hain sagar, blog bhi bahut sundar hai
ReplyDeleteसामने उम्र पड़ी है शब-ए-तन्हाई की
ReplyDeleteवो मुझे छोड़ गया शाम से पहले पहले
कौन दोषी है ज़रा यार पता करना
ReplyDeleteमैं तो नहीं, अंतर्मन से बतिया लूंगा...
चलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
आओगे जब मैं तुमको गले लगा....
bahut achchhi hain ye panktian!!!
bhavnaon tk pahunchne ke lie ye shabd kafi hain.
Dost ek saahil hai tufaano ke liye,
ReplyDeleteDost ek aaina hai armaano ke liye,
Dost ek mehfil hai anjaano ke liye,
Dosti ek khawaahish hai aap jaise dost ko paane ke liye !!
Jaan hai mujhko zindagi se pyaari,
Jaan ke liye kar doon kurbaan yaari,
Jaan ke liye todd doon dosti tumhaari,
Ab tumse kya chhupaana,
Tum hi toh ho jaan hamaari !
dosti ke naam ko na badnam karo
mere bharose ko na badnam karo,
meri dosti ko apna lena
humse ek baar hath mila lena...
Mushkilo se ghabra ke ab jina nahi chahte,
Dur tum se hoke ab rehna nahi chahte,
Yun to dost bahut bane iss zindagi me
Par aap jaise dost ko khona nahi chahte.
Yahi to khoobsurat dosti ka naata hai,
Jo bina kisi shart ke jiya jaata hai,
Rahe duriyan darmiyan to parwaah nahi,
Dost to harpal dil me basaya jaata hai...
BAHUT BOOB SAGAR JI JAB AUGA TAB LAGE LAGA JAROOR LIJIYEGA
badi pyari baat kahi aapne.......:)
ReplyDeleteचलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
आओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा ..........
aapke post ne hame follow karne ko majboor kiya.......:)
ReplyDeletesagar ji,
ReplyDeleteaap jis vishay par bhi likhein kamal likhte hain. shayad bharosa laane mein kaargaar ho, par ye bhi sach hai ki asafal prayas hota...ye sher bahut pasand aaya...
चलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
आओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा
bahut shubhkaamnaayen.
bahut hi sundar.
ReplyDeleteshashi ji bahut kamal ka likh diye hai aap..wah चलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
ReplyDeleteआओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा
bhut bdiya h bhai jan
ReplyDeleteBahot sahi kavita hai! shukria share karne ka!
ReplyDeleteआओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा
ReplyDeleteकर यकीं तेरा दामन मैं बचा लूंगा
तेरी करतुतों को दिल में दबा लूंगा
दोस्त हो फिर गैरों सा बर्ताव क्युं
वार तुमसे तो सीने पे भी खा लूंगा.............
kya kare ye dil, jab unhe yakeen na ho jinke bharose jindgi ki dor chhor rakhi thi..
समझ नहीं आ रहा शशि कि क्या लिखूँ..कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनको पढ़कर कुछ कहने का मन तो करता है पर उससे ज़्यादा मन करता है बस चुपचाप उनमें छुपी और उनसे बिखरती भावनाओं को सुनने का, समझने का और उनके एहसासों को अपने किसी ग़ैर के एहसासों से जोड़ने का...
ReplyDeleteआज आपने कुछ ऐसी ही बात लिख दी...
कर यकीं तेरा दामन मैं बचा लूंगा
ReplyDeleteतेरी करतुतों को दिल में दबा लूंगा
दोस्त हो फिर गैरों सा बर्ताव क्युं
वार तुमसे तो सीने पे भी खा लूंगा
आस थी तुमसे सगे भाई से अधिक
इस चाह को अब सीने में छुपा लूंगा
कौन दोषी है ज़रा यार पता करना
मैं तो नहीं, अंतर्मन से बतिया लूंगा
चलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
आओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा
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shashi...bhayi..duniya me sabse khubsurat rista he dosti....lekin jab yeh rista dgabaazi ka shikar ho jata he...to dil tut,ta hi nhi bikhar jaata he...kehte he ek dost wfaadar ho to fir duniya ki koi jrurat nhi hoti...dost jab dushmani pr utaaru ho to usse jitna namumkin hota he , kiyuki vo aapki hr kamjori jaanta he...aapne rachnaa me apne sahit hjaaron dilon ki baat likhi he ..is rachnaa pr vaah kehna ..theek nhi hoga/..uf.....aah.....ke saath vaah aakhri line ke liye khunga ...ki me tumhe gle lga lunga..weldone
चलन भरोसे का कहीं उठ न जाये अब
ReplyDeleteआओगे जब मैं तुमको गले लगा लूंगा.........
लाख टके की....
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फिल्लौर फ़िल्म फेस्टिवल!!!!!
अच्छा लिखा है आपने... काश आने का मौक़ा देते..!!
ReplyDeleteक्या बात है शशि, काफी दिन हो गए आपकी तरफ से शब्दों का कोई नया खूबसूरत से गुच्छा आए हुए....
ReplyDeleteभावनाओ को शब्द देना कोई आपसे सिखे.
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