Tuesday, August 11, 2009

काश मैं जवान नहीं होता

परेशान, व्यथित रहती है,
इनदिनों मेरी माँ |
पूजा, अर्चना, हवन,
टोना-टोटका न जाने क्या-क्या |
इन्हीं चीजों में व्यस्त,
खुद का ख्याल ही नहीं रखती |
कह दिया उनसे एक दिन,
अम्मा अपना ख्याल रखिये,
थोडा परहेज किया कीजिये |
मेरे ख़त्म होते ही बोल पडी,
तुम्हें अच्छी नौकरी मिल जाये,
तेरा घर बस जाये बस,
सबकुछ छोड़ दूंगी |
बुढी हो गयी हूँ न अब,
जब तक हूँ दुआ कर लूं |
इस उम्र में इतनी परेशानी,
इतना कष्ट मेरे लिए |
सोंचता हूँ काश मैं जवान नहीं होता,
तो अम्मा कभी बुढी नहीं होती |

17 comments:

  1. विलक्षण रचना...इस की जितनी तारीफ की जाये कम है...दिल भर आया पढ़ कर...सुन्दर शब्द और सरल भाव...वाह सागर जी वाह...आपका ब्लॉग जगत में स्वागत है...आप जैसे साहित्यकारों से ब्लॉग जगत समृद्ध होगा इसमें कोई संदेह नहीं...लिखते रहें...
    नीरज

    ReplyDelete
  2. bahut hee behtareen rachna... shabd nahi hain..
    dosh-bodh bhee ho raha hai...

    ReplyDelete
  3. नीरज जी एवं राहुल बाबु...
    स्नेह और प्रोत्साहन के लिये बहुत-बहुत शुक्रिया

    ReplyDelete
  4. रजनीश बाबु ...
    बहुत-बहुत शुक्रिया

    ReplyDelete
  5. अर्शिया जी..
    प्रोत्साहन के लिये धन्यवाद

    ReplyDelete
  6. क्या बात है. याद रह गई ये रचना. वाह !!

    ReplyDelete
  7. amitabh babu..
    maa ka sneh kaun bhula hai bhala.
    sneh k liye bahut-bahut dhanyawad...

    ReplyDelete
  8. ye to bemisal rachna hai aapki...jitni baar bhi padho nayapan lagta hai..

    ReplyDelete
  9. akhilesh babu...
    waqt dene k liye shukriya...
    bas isi tarah apne sneh k chawn me rahne den..

    ReplyDelete
  10. bahut hi sunder gajal apne farmaya hai bahut dino ke bad kuch itna accha sun ne ko mila hai wah bhai wah................

    ReplyDelete
  11. shukriya babu...
    achha laga tumhen yahan dekh kar....

    ReplyDelete
  12. ye apki sabse achhi rachnaon me se ek...jitni baar bhi padho utni hi achhi lagti hai....

    ReplyDelete
  13. sach me agar ye rachna rah jati to bhaut kuch rah jata ..jo hamare samne hi hota hai magar dhyaan nahi deta hai is bat pe koi...

    man ko chhu gaye erachna..maa hoti hi hai aisi bache ke liye hamesha use fikar hoti hai..wo chahe kuch bhi hashil kar le uske liye to uska bacha wohi chota sa pyara sa bacha hota hai jispe wo apne pyar ki bepanah daulat lutati hai

    ReplyDelete

देखा-सुनी